गर्भवस्था के दौरान मन में चिंतन
गर्भ रहे जब मन में चिंतन करें की मेरे गर्भ में एक ऐसा भाग्यशाली जीव आया है
जो एक महान आत्मा होगा। उसके जीवन से लाखों का उपकार होगा, वह राष्ट्र, समाज, परिवार
का चमकता चांद सितारा होगा। मेरी संतान गौरवर्णी, कमल नयनी, सुन्दर, हस्थ पुष्ट, संयमी,
बुद्धीमान, तेजस्वी होगी। मेरी संतान अवश्य हमारे अनुशासन में होगी, घर के बड़ो की
सेवा करेगी।
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