खान पान का ध्यान रखें
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12
घंटे कुछ भी खाने को नहीं देना चाहिये, प्यास लगने पर 1-2 चम्मच पानी (गरम किया हुआ)
दे सकते है या वर्क चूसने को देते है।
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दूसरे दिन पतली चाय बगैरह दे। पतली मूंग की दाल में
लौकी, परवल, तुरार्इ, गिलकी, हरी धनिया मिलाकर दे सकते हैं, या उकाली बनाकर दें। दूसरे
दिन रात से पीपला मूल की फक्की देना शुरू करे
•
सुबह शाम बादाम और मखाना अलग-अलग सेक करके नमक काली
मिर्च डालकर दिया जाता है। सुबह शाम दूध अवश्यक देवें पपीता चिकू फ्रुट देवें चाय बिस्कीट
दे सकते हैं।
•
तीसरे
दिन मूंग की दाल का पानी, दाल, लौकी सब्जी, पतली 5 रोटी, दूसरी सब्जी जैसे गिलकी भी
दे सकते है। तीसरे दिन गोंद की रवी बनाकर दें सकते हैं।
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8
से 10 दिन बाद हरीरा* या अजवाइन* बनाकर दें।
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15
दिन बाद सौंठ का लडडू बनाकर दें ।
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डिलेवरी
के बाद स्त्री का खान-पान अच्छा रहेगा तो सुन्दर दिखने लगती है।
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मंजन-
मांजूफल का पाण्डर, सफेद कत्था दोनों बराबर बारीख पीस कर छानकर मंजन 1-1½ महीने तक
जच्चा को करवाये, बाद में पेस्ट भी कर सकती है। मुह का स्वाद बदलने के लिये कभी कभी
पेस्ट कर सकते है।
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पीने
का पानी- पीने का पानी गरम करते वक्त उसमें 1/2 चम्मच अजवाइन, सोंठ, एक छोटा टुकड़ा
हल्दी, 1/4 चम्मच सुआ
सौफ से पतले पकड़े की पोटली बनाके पानी में डालकर उबाले। पानी को ठण्डा करके पीने के
लिए देवे। गर्मी में पानी मटके में रख सकते है। यह पानी सर्दी में 15 दिन और गरमी में
10 दिन तक देवे। 10 दिन बाद पानी में बायबिडिंग के 10-15 दाने और सुआ सौफ डालकर उबालकर देवे।
जब तक डिलिवरी का खाना खावे तब तक गरम पानी दिया जाता है। ठण्ड में 2 महिना गर्मी में
1 महिना दिया जाता है गरम पानी।
* हरीरा, लड्डू आदि बनाने के
तरीके
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हरीरा बनाने का तरीका
सामग्री- घी, गुड, हल्दी 1
चुटकी, पिपला मूल 1 चुटकी, एक चम्मच गोद, गुड अंदाज से, बादाम कतरन, घी अन्दाज से।
विधि - कढार्इ में घी डालकर
गौंद को फुला ले,
फिर उसमे एक कटोरी गुड
का पानी डाले,1 लांग डाले, बाकी सामान डाले और उकाले।
• अजवाइन
सामग्री- घी,गुड, अजवाइन, ताल
मखाना, गोद के
गेंहू के समान दाने करे बादाम पिस्ता नारियल हल्दी पाउडर
विधि – कढार्इ में घी डालकर गौंद को
फुला ले फिर उसमे अजवाइन बारीक करके डाले,
ताल मखाने के चार तुकड़े करके डाले , नारियल घिसके डाले , बादाम पिस्ता की कतरन, पिसी हल्दी और गुड़
घिस कर डाले।
• जीरे के लडडू (दूध बढ़ाने के लिये)
सामग्री- सवा सौ ग्राम जीरे,
2 चम्मच अजवाइन, 2 चम्मच सौंठ, 100ग्राम मेवा- बादाम, पिसा खारक, मखाना-20 ग्राम।
• तिली के लडडू (सर्दी के लिए)
सब मेवा मिलाकर तिली कुटी,
अखरोट, बादाम गुड कूटकर मिल ले लडडू बनाये।
• बादाम खसखस का सिरा
बादाम 500 ग्राम, खसखस 200
ग्राम अलग अलग भिगो दे, खसखस दूध में रात को भिगो दे। सुबह पीसें और अलग अलग घी में
सेक कर मिलाएं। जब बनाना हो, शक्कर और पानी डालकर पका ले।
ध्यान में रखने की अन्य बातें
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आपरेशन
के बाद 6 महीने तक वजन नहीं उठाना चाहिये।
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उठते
वक्त, 1 पाव खड़ा 1 पाव पेशाब की जगह यौनी पे लगाये जिससे शरीर में हवा नहीं जाये।
अगर ऐसा नहीं करेंगे तो शरीर में हवा घुस जायेगी फिर गैस निकलने जैसी आवाज आती रहेगी,
उठते बैठते किसी भी वक्त सबके सामने शर्म आयेगी।
•
डिलेवरी
के बाद पाव के ऊपर पाव रखकर सोवे, 10 दिन तक पैड और अंडर वियर पहने रखे, उसके बाद फिर अंडर वियर पहने
रखे जिससे शरीर कसा रहे।
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शिशु
को दूध पिलाते रहोगी तो गर्भाशय सिकुड़ जावेगा, पहले जैसा होगा, शिथिली करण मिट जाता
है।
•
स्त्री
को छ: माह तक जल्दी चलना, दौड़ना, कूदना, नृत्य करना आदि से परहेज करना चाहिए। शिशु
गर्भ में आने से जब तक शिशु साल भर का होवे, तब तक अपने व शिशु का विशेष ध्यान रखें।
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