Sunday, January 25, 2015

शिशु की अन्य देखबाल



1.   घर में रोज शिशु के कान के पीछे बगल में जांघो के बीच में दोनों तरफ माता को देखना चाहिये चिपके तो नहीं है अगर चिपक गये हो तो वेसलीन, तेल आदि लगावे।
2.   शिशु को दस्त न होने पर, शिशु को गरम पानी में मिश्री मिलाकर पिलावे दस्त हो जाती है।
3.   त्वचा की तकलीफ में छोटी फुन्सी या दाने हो तो डिटाल से नहलावें धोवे।
4.   शिशु के सिर पर पपडी मैल जमने से हो जाती है। उसको निकालने की कोशिश ना करें, अपने आप निकल जायेगा। अगर निकालोगे तो जगह पक जाएगी।
5.   शिशु को माता अपने पास ही सुलावे, शिशु सुरक्षा महसूस करता है। वात्सल का कवच शिशु को प्राप्त होता है। छ: महीने तक अपने पास सुलाना चाहिये। शिशु बीमारी से बचा रहता है। माता के स्पर्श से बीमारी दूर होती है। तकलीफ कम महसूस करता है।
6. शिशु के कपडो की सफार्इ रखना चाहिये। शिशु उल्टी करें तो घबराना नहीं चाहिये, उससे छाती में कफ नहीं जमता। उल्टी के कपड़े तुरंत खोलकर साफ करना चाहिये नहीं तो मक्खी मच्छर बैठते है। कपड़े धोने के बाद डेटोल के पानी से कपडे निकालकर सुखाये।
  7. बच्चे को 15-20 मिनट हलकी धूप का (जैसे गर्मियों में सुबह ६ बजे होती है) रोज सेवन करावे। कपडे पहने पहने ही सेवन करावे। तेल मालिश दोनों टाइम करें सुबह हल्की धूप में बैठकर करोगे तो भी धूप मिल जावेगी।

8. शिशु को रोज देने की घुटी : बड़ी हरड़,छोटी हरड़ ,अजवान ,हल्दी, जायफल , केसर की पत्ती , छोटी पीपल, हींग/यह सब सामग्री माता के दूध  में घिसकर देवे।

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