गर्भपात क्यों?
माँ बनना प्रकृति का अमूल्य
तोहफा है| इसकी अहमियत समझने के लिए उन लोगों के बारे में सोचिये जिनकी संतान नहीं
होती, संतान पाने के लिए वो क्या-क्या जतन करते है, कर्इ मंदिरों में मन्नत मांगते
हैं।
आज कल बहनें सोचती है, अभी
बच्चा नहीं चाहिए, हमारा सौंर्दय खराब हो जायेगा, हम बंधन में बंध जाएंगे, हमारा घूमना
फिरना, खाना-पीना बंद हो जायेगा। सर्विस नहीं कर पाएंगे, हमारा केरियर आगे नहीं बढ़
पायेगा| महिलाओं को चाहिए, की वो थोड़ा आगे के लिए सोचे| ज्यादा उम्र होने पर, डिलीवरी
के समय उन्हें तकलीफों का सामना करना पड़ता है। फिर तो आपरेशन होना लगभग ज़रूरी हो जाता
है |
30 वर्ष की उम्र तक तो आज कल
शादी होती है। फिर 2-4 साल भविष्य सुधारने के लिए कई स्त्रीया गर्भ खत्म करने का इरादा
रखती है, गर्भ न ठहरे उसके लिए गोलियां दवार्इयां लेती हैं। उससे कर्इ सारे साइड इफ़ेक्ट
भी होते है| अगर गर्भ गिरने की दवार्इ लेने से भी गर्भ ना गिरे, तो जब शिशु होता है,
उसमें कर्इ तरह की अपंगता आ सकती है| जैसे, किसी शिशु के दिल में छेद, शरीर में विकृति,
कोर्इ बोल नहीं पाता, कोर्इ सुन नहीं पाता आदि| ऐसे शिशु को संभालने में बहुत ज्यादा
परेशानी होगी| कई बार गर्भपात करवाना इतना घातक होता है, आप फिर मां नहीं बन सकती।
ये सब बाते ध्यान से रखे, गर्भ उतारने का विचार त्यागे| अगर संतान गर्भ में है, तो
भावी संतान को दुनिया में आने दें, उसकी विदार्इ गर्भ में न करें। अगर पहली संतान लड़की
है, तो बोला जाता है – “घर में लक्ष्मी आर्इ है” लक्ष्मी को ठुकराओ मत।
No comments:
Post a Comment