ये बातें ध्यान रखें (गर्भधारण के समय)
गर्भधारण का पता चलने पर गर्भवती
महिला को तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिये, गर्भवती महिला को प्रसव होने
तक लगातार बार-बार जांच कराना चाहिये जिसमें शुरूआत के तीन महीने अत्यन्त महत्वपूर्ण
होते है। इस समय महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिये, सातवे, आठवे एवं नवमें महीने
में 10-15 दिन में एक बार जांच करानी चाहिये, इन दिनो में ब्लडप्रेशर खून पेशाब आदि
की जांच समय-समय पर करवानी चाहिये। गर्भवती को अपना वजन हर माह जांच कराना चाहिये।गर्भकाल
में दस से बारह किलो वजन बढ़ता है। यदि वजन अधिक होने लगे तो मीठा एवं चिकनार्इ युक्त
आहार कम कर देना चाहिये।
इन नियमित जांचों के दौरान
डॉक्टर की सलाह से चौथे पांचवे महीने में पहला और पांचवे छटे महीने में दूसरा (एक माह
के अंत में) टिटनस का टीका लगवा लेना चाहिये। गर्भवती महिला को नीचे लिखी तकलीफ हो
तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिये:-
· चमकीला लाल रक्त योनि मार्ग
से आना,
· अचानक गर्भवती का वजन बढ़ना
तथा हाथ पेरों में सूजन आना,
· अचानक पानी की थैली में रिवास
होना,
· तेज सिर दर्द होना नजर में
धुधलापन या चमकीली रोशनी की झलक आना,
· ठंड बुखार, मलेरिया या अन्य
कोर्इ तकलीफ,
· पेशाब में जलन, पेशाब करते
वक्त दर्द होना,
· गर्भ की हलचल में कमी आना,
· शरीर में पानी की कमी होना
।
· यदि गर्भावस्था में रक्त का
जरा सा भी धब्बा दिखार्इ दे, तो तुरन्त डाक्टर को दिखाये और बिस्तर पर लेट कर आराम
करें (बैड रेस्ट)।
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