प्रतिदिन मालिश बच्चे के लिये
बहुत ही महत्वपूर्ण (फायदेबंद) है। शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि रोज मालिश करने से
बच्चे को गहरी नींद आती है, बच्चे की रोग प्रतिकारक शक्ति, दिमागी (बौद्धिक) विकास
बढ़ता है।
1. मालिश के लिये टावेल या ब्लैंकेट ले। साथ ही एक बाऊल में मसाज आइल ले।
2. कोर्इ भी मसाज आइल उपयोग में लाने से पहले उसे शिशु की त्वचा पर लगाकर
देखे अगर कोर्इ रेशेस या इरिटेशन या फुन्सीया हो तो उस आयल को उपयोग में न लाये।
3. दूध पीने के तुरंत बाद, या शिशु के सोने के समय मालिश न करे।
4. मालिश हमेशा निचे जमीन पर बैठकर ही करे।
5. दोनों पैरो को पास में करके उस पर ब्लैंकेट बिछाये।
6. शिशु के कपड़े उतारकर उसे दोनों पैरो के ऊपर ब्लैंकेट पर सुलाये, शिशु
का सिर (मस्तक) हमेशा
नीचे की तरफ होना चाहिये।
7. मालिश की शुरूआत करते ही उसे प्यार से जय जिनेद्र
कहे, और सर से पैरो तक मालिश कि शुरूआत करे। उससे बाते करें।
8. साथ ही उसे नमोकार मंत्र, गायत्री मंत्र आदि सुनाये।
9. शिशु मालिश के वक्त अगर खूब रोये या शरीर कड़ा करे या चिड जाये तो तुरंत
शरीर के दूसरे पार्ट पे मालिश करे और अगर वो अच्छे से प्रतिक्रिया जवाब दे तो धीरे-धीरे
मालिश शरीर के हर पार्ट पे करे।
1. अपनी हथेलियो से शिशु के छाती के ऊपर से नाभि तक
मसाज करें।
2. शिशु के पेट पर अपने अंगुली से गोलाकार दिशा में
हाथ घुमायें।
3. शिशु के दोनों पैरो को मिलाकर हल्के हाथो से घुटनों की मालिश करें। इसके
बाद हाथो को घुटनो से लेकर पेट तक मालिश करे।
4. शिशु की नाल गिरने कि हो तब तक पेट कि मसाज ना करे। अगर नस खिचेगी तो
सुठी फुल जावेगी, उसको पिन से न फोड़े अपने आप ठीक होगी बड़े होने पर।
1. शिशु के सिर को दोनो हाथो से गोलाकार आकार (शेप) में मसाज करे। पूरे
सिर में अंगुली से हल्के हाथो से मसाज करें। लालवे पर हाथ में तेल लेकर बीच में मसलें।
2. शिशु के कान को अंगुठे और अंगुली से मसाज करें।
3. शिशु के चेहरे पर दिल का शेप बनाते हुये दोनों हाथो को कुडी की तरफ लाये।
4. अंगूठो से दोनों आइब्रो के बीच में मालिश करें।
5. दोनों अंगुठो से शिशु के दोनों आंखो के ऊपर से मालिश करे।
6. शिशु के चेहरे पर (जबड़े पर) अंगुलिया से मालिश करें।
1. शिशु के छाती पर से मालिश करते हुये हल्के-हल्के
हाथो से गर्दन से कंधे तक मालिश करें।
2. शिशु के हिप्स से कंधे तक (नीचे से ऊपर) diagonal डायरेक्शन में मालिश
करें। (दाया हिप या बाया खंदा)
3. शिशु कि छाती पर, अपने दोनों हाथो को तिरछे दिशा
में लेते हुये (हिप से खंदे) तक मालिश करे (शिशु का बाया हिप और दया खंदा में मालिश
करें।
1. एक हाथ से शिशु कि कलार्इ पकड़कर उसके ऊपर कि बांहो
से नीचे तक हल्की हल्की मालिश करें।
2. आप अपने हाथ से शिशु कि कलार्इ पकड़कर दूसरे हाथ से ऊपर के खंदे से नीचे
हाथ तक मालिश करें।
3. शिशु के दोनों हाथो को अपने दोनों हाथो से खंदे से
कलार्इ तक ऊल्टी दिशा में मसले। (जैसे कोर्इ कपड़ा निचौड़ते है वैसे।
4. शिशु की हथेलियो को अपने अंगुठे से मालिश करें।
5. शिशु के ऊपर के हाथो से लेकर कलार्इ और अंगुलियो की मालिश करें। हल्के
हाथो से अंगुलिया को खिचे।
6. शिशु कि कलार्इ को आप अपने अंगुलियो से गोलाकार मालिश
करें।
7. आप अपने दोनों हाथो के बीच में शिशु का खंदा रोल
घुमाये।
1. शिशु को पेट के बल उल्टा सुलाये, उसके पैरो को सीधा
करें और शिशु के हाथ उसके सामने रखे न कि उसके बाजू।
2. अपने दोनों हाथो से शिशु के पीठ पर, गर्दन से हिप्स
तक दोनों हाथो को एक के बाद एक लेते हुये (उल्टी दिशा) मालिश करें।
3. एक हाथ से शिशु के हिप्स पकड़कर, दूसरे हाथ से गर्दन से हिप्स तक मालिश
करें।
4. अपनी अगुलियो से शिशु के रीढ़ की हडडी के बाजू से उपर से नीचे की ओर
मालिश करें सीधे रीढ की हडडी पर मालिश ना करें।
5. शिशु के कंधे को छोटे गोलाकार दिशा में हाथ घुमाकर मालिश करें।
6. शिशु के हिप्स पर भी बड़े गोलाकार दिशा में हाथ घुमाकर मालिश करें।
1. शिशु की एक हाथ से एड़ी पकड़कर दूसरे हाथ से जांघ
से पैर तक मालिश करें।
2. शिशु के उपर के जाघ से पैर पकड़कर आप अपने दोनों
हाथो को सी शेप बनाते हुये दो हाथो को अलग-अलग दिशा में घुमाते हुये पैर तक मालिश करें।
3. शिशु के पैरो के पंजे पर आप अपने अंगूठे से एडी से
पेरो कि अंगुलिया तक मालिश करें।
4. अपने हाथ से पैरो पर और पैरो के नीचे एडी से अंगुलिया तक हाथो से घिसे
(मसलना)
5. पैरो कि मालिश करते हुये धीरे से शिशु के पैरो की अंगुलिया खिंचे
6. एड़ी और एडी से ऊपर छोटा गोलाकार बनाते हुये मालिश करें।
लोर्इ करें:- मालिश के बाद
गेंहू का आटा तेल डालकर पानी से साने (उसने), कढा लोया बनावे। पहले मुह पर, शिशु के
बदन पर,पेट पर मसले। इसको लोर्इ कहते है। बच्चे के शरीर पर जो रूआली होती है, वह मिटेगी।
अगर लोर्इ से कम होती तो ठीक है, नहीं तो एखंड ( जो बाजार में मिलती है) उसे घिस के
लगावे, जहां रूआली ज्यादा हो उस जगह लगावे दिन में 1 बार 10-15 दिन करें
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