Sunday, January 25, 2015

गर्भावस्था में खाए जाने वाले पोषक तत्व तथा आहार

गर्भावस्था में खाए जाने वाले पोषक तत्व तथा आहार


हर महिला के लिये गर्भधारण करना और स्वस्थ्य शिशु को जन्म देना गर्व की बात है। स्वस्थ्य शिशु को जन्म देने के लिये माता का भी स्वस्थ्य होना अति आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान स्त्री को विभिन्न शारीरिक परिवर्तनो का सामना करना पड़ता है। इसलिये उसे संतुलित एवं पौषिटक आहार का सेवन करना अनिवार्य है। अपने वजन को नियंत्रित रखने के लिए और गर्भ के विकास के लिये परिपूर्ण संतुलित आहार का सेवन करे। गर्भावस्था में शिशु अपने पोषण के लिये मां पर निर्भर रहता है। इस दौरान मां को सामान्य की अपेक्षा 300 कैलोरी से अधिक उर्जा का सेवन करना चाहिये।

संतुलित आहार में निम्न होना चाहिए :
·       प्रोटीन:- मलार्इ रहित दही, दाले, राजमा, छोले, दूध एवं दुग्ध पदार्थ, अंकुरित आनाज
·       विटामिन बी:- दूध,चोकर युक्त आटा, अंकुरित आहार,हरी सबिजयां।
·       फोलेट:- अनाज, दाले, स्वीटकार्न, हरी सबिजयां, गुड़ और पोहा, गुड़ सुपारी जितना ज्यादा नही।
·       विटामिन सी:- ताजे फल, खटटे फल, हरी सबिजयां किवी
·       आयरन- लोह- हरी पतितयों की सबिजयां, दाले, गुड, फलूदा के बीज,खजूर
·       कैलिशयम:- दूध एवं दुग्ध पदार्थ,तिल,रागी,हरी सब्जिया, सोयाबीन
·       फायबर एवं पेय पदार्थ:- ताजे फल सब्जिया, चोकर युक्त आटा दाले।

वर्जित:- ज्यादा चाय काफी, मदिरा, सिगरेट या उसका धुंआ, तले हुये पदार्थ, बिना धुले फल और सब्जी। गर्भवती को बासी खाना नहीं खाना चाहिये इससे बच्चे को परेशानी होती है और आवल बड़ी होती है।

गर्भवती स्त्री को गर्भधारण के बाद प्रथम मास से नवम महीने तक के दौरान ऐसे खानपान का सेवन करना चाहिए जो कि उसके स्वास्थ्य के अनुरूप हो अगर गलत खान पान की वजह से कोर्इ तकलीफ होती है तो उसका पूरा असर गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर भी पड़ना निशिचत है।

पौषिटक आहार के उद्धारण

अनाज, दाले, और सबिजयों को मिलाकर आप पोषिटक आहार बना सकते है। जिससे आपको सभी पोषक तत्व एक साथ मिल जायेंगे।
उद्धरण:
·       मिश्रित आटे का पराठा - जिसमें गेंहू, बेसन, मूली के पत्ते या पत्ता गोभी, मेथी, पालक को बारीख करके, सब मसाले (नमक, हल्दी, मिर्च, धनिया, हरी मिर्च), तेल का मोयन डालकर पराठा बना सकते हैं।
·       अंकुरित भेल - जिसमें आपको प्रोटीन तथा विटामिन सी मिलेगा - मूंग, मोठ, लाल चना आदि साबुत आनाज को अंकुरित कर थोड़े से तेल में रार्इ, जीरा डालकर मसाला और निम्बू डालकर सेवन करें। इसे ज्यादा देर तक नहीं पकाना चाहिये, नहीं तो इसकी पोषिटकता नष्ट हो जाती है। चाहो तो इसके ऊपर ककड़ी, टमाटर, प्याज आदि डाल कर भी खा सकते हैं।
·       चिलड़े - जैसे छिलके वाली मूंगदाल के, पनीर के।
·       उत्पम -  इडली के घोल में सब्जिया जैसे बारीक ककड़ी टमाटर, शिमला मिर्च, गाजर लोकी आदि चीजे मिलाकर उत्पम बना सकते है। ये आप धनियां या नारियल चटनी के साथ खा सकते हैं। टमाटर सास के साथ भी खा सकते हैं।

·       फल - फलो में आप सभी मौसमी फल खा सकते है। इनसे रेशेदार तत्व और विटामिन मिलेगा।

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