Sunday, January 25, 2015

गर्भावस्था में क्या करें क्या ना करें



गर्भावस्था में हर स्त्री को यह जानना जरूरी है कि उसे क्या करना चाहिये और क्या नहीं, जिससे उसके होने वाले बच्चे पर किसी तरह की तकलीफ न आए जैसे-गर्भपात, प्रीमेच्योर डिलेवरी आदि।

क्या करें:

1.   गर्भधारण के बाद सबसे ज्यादा जरूरी है कि डाक्टर से परामर्श करें। दो या तीन महीने खत्म होने का इंतजार न करे, बाद में भी अपने चेकअप के लिये नियमित रूप से 1-1 महीने में जाते रहे ।
2.   संतुलित भोजन ले। जरूरी हो तो थोड़ी थोड़ी देर में खाये। खासतौर से विटामिन,प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार ले।
3.   भरपूर पानी पिये। हरी सबिजयों और फलो का अधिक सेवन करे।
4.   हल्का फुल्का व्यायाम करें, शांत गति से कम से कम आधा घंटे पार्क में जरूर टहलें। व्यायाम डाक्टर से पूछ कर करें।
5.   रात में कम से कम 7-8 घंटा और दिन में 1- 1½ घंटा सोयें।
6.   फर्श पर से कोर्इ भी वस्तु लेने के लिये बैठकर उठाए, सीधी टागो के सहारे नीचे न झुके।
7.   कम दूरी की यात्रा हानिकारक नहीं है। लेकिन आरामदायक होनी चाहिये। बस या कार से सफर करने के बजाय ट्रेन से सफर करें।
8.   ढ़ीले कपड़े पहने जिससे फैलने और हलचल करने में आसानी हो।

क्या न करें:

1.   डाक्टर की सलाह के बिना कोर्इ भी दवार्इ न ले।
2.   बहुत ज्यादा न खाये, जंक फूड, तला हुआ और तैलीय खाना न खाए। अधिक मीठा खाने से भी बचे। बाजार की बनी मिठार्इ, चाकलेट, कोल्ड ड्रिंक, बिस्कुट, केक, मेदे की पेस्टी, बंद डब्बे वाले जूस, आइसक्रीम आदि का बहुत कम प्रयोग करें अथवा न करें।
3.   धूम्र पान न करें धूम्र पान वाली जगह में न जाये।
4.   ऊंची एडी के चप्पल जूते बिल्कुल न पहने।
5.   वृत, उपवास टाले खाली पेट न रहे।
6.   ज्यादा मात्रा में चाय काफी का सेवन न करें।
7.   भोजन करने के तुरंत बाद न सोये।
8.   बहुत ज्यादा आराम न करें, न ही ज्यादा नींद लें।

9.   अनावश्यक तनाव और दबाव से दूर रहे।

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