तर्ज (मैं तो भूल चली)
मैं तो पूजूगी गौरी गणेश गजांनद
प्यारा लागे-2
मंदिर मैं देखी तुम्हारी ये
सूरत
सबसे निराली अलबेली ये मूरत
हो ............
भारत जेसा भक्तो का ये देश
गजानंद प्यारा लगे
भोग लगाऊ लडडू मेवा चढ़ाऊ
पिता शंकर को हराऊ माता गौरी
मनाऊ हो.........
रिद्धि सिद्धि के दादा भरो
भंडार
गजानंद प्यारा लगे
बैठी रहंू तेरी द्वारे पे आके
इस मन की आशा तू पूरी करा दे
हो........
रिद्धि सिद्धि के दादा भरो
भंडार गजानंद प्यारा लगे।
आवो री सुहागन नारी मंगल गावो
री
आज बहुरानी की गोद भरावो री
जिसकी गोद भरे
नाम लेना वर्षा बहुरानी की
गोद भरावो री
सीस लाडीसा के बिदि सोहे री
बोर ले पे हीरा मोती लाल जडा
बोरी ।।1।
कान लाडी सारे कुन्डल सोहे
री
ऐरिंग पे हीरा मोती लाल जडावो
री ।।2।।
गले लाडी सारे नेकलेस सोहे
री
कंठे पे हीरा मोती लाल जडा
बोरी ।।3।।
हाथ वर्षा बहू के कंगना सोहे
री
चूडि़यों पे हीरा मोती लाल
जडावो जी ।।4।।
कमर लाडी सारे करधन सोहे जी
चाबी गुच्छे प हीरा मोती लाल
जडावो री।।5।।
सादे पूरा वोरी- शीश लाडी सारे
साडी सोहे री
मेवे से बहू रानी की गोद भरावोरी
साद पूराबो री मंगल गावो री
।।6।।
गजरा हार पहनावो री।
तर्ज (तुम तो ठहरे परदेसी)
प्यारी बहुरानी को झूला हम
झुलायेंगे
सखियों गीत गा गाके साद हम
पुरायेगे
गोरा-गोरा रंग इसका हरी हरी
साडी है
रेशन से बाल इसके हरी हरी चुडी
है
कजरारे नैनो में काजल सजायेंगे।।1।।
फूलों का झूला है, रेशम की
डोरी है,
मखमली शैयया पे बहुरानी प्यारी
है।
हीरों वाले 3 गहनों से इसको
सजायेंगे।।2।।
घेवर फिणी और लाये रसमलार्इ
है।
प्यारी बहुरानी तो मांगे खटार्इ
है
श्रीखंड 3 खिलायेंगे इसको मनायेंगे।।3।।
तर्ज (दिल दिवाना, बिन सजना
के)
साद का दिन है बड़ा सुहाना
देखो ना- 2
आज साद है (नाम) भाभी की गावो
ना -2
काका आये काकी आये भैयया और
भाभी
मेवा मिठार्इ, संग में लाये,
घेवर और फिणी
रस गुल्ला री मन में रहारे
रेवेला ।।1।।
बम्बर्इ रे चौपाटी पे, जाओ
ये दोनों
भेज पूरी और चाट पकोड़ी खाओ
थे दोनों
आइस्क्रम ज्यूसरी मन में महारे
खेवेला।।2।।
सासु ससुराजी साद पुरावे, धारी
होस पूरे हो
जेठ जेठानी बगार्इ सजावे, फूलोरा,
हारांसु
नंगद बार्इ झुलो झुलावे, झुलोना
।।3।।
आगरा सू घाघरो मंगवावो रसीया
मैं तो सूरज पूजन जाऊगी।
मैं तो सूरज पूजी सखियां मंगल
गांवती बधार्इ में पेड़ा बटावो रसीया। सूरज
ताबे के हंडे में ताता सा पानी
तो गरम पानी से नहलावो रसीया सूरज
चांदी की थाली में भोजन परोसा
तो गरम-गरम हलुवा खिलावो रसीया सूरज
पका-पका पान ने कलार्इ का चूना
चिकनी सुपारी खिलावो रसीया सूरज
सोने की चोपड़ जडावंू पासा
तो ललना का घूघरा घडावो रसीया सूरज
मखमली सेज ने झालट का तकिया
मुन्ना का पलना भगवा दो रीसया सूरज कवरधा
इन्दौर शहर से बुआ बार्इ आया
तो ललना को पलना झुलावो परसीया सूरज
जयपुर के चूडो ने उदयपुर की
चुन्दगी तो बीकानेर सूं पीलो मंगवा वो रसीया सूरज
बम्बर्इ शहर संू मोटर मंगवा
वो तो गोरी ने मुन्ना ने दिल्ली घुमावो
रसीया मैं तो सूरज पूजन जावूंगी।
कठा से आयो नार्इ, कठा से आर्इ
दार्इ कठा से आर्इ रे नाना थारी भुआ बार्इ उज्जैन से आयो नार्इ आगर से आर्इ दार्इ इन्दौर
कलकत्ता धुलीया से आर्इ रे नाना थारी भुआ बार्इ
कटे उतारू नार्इ, कठे उतारू
दार्इ कठे उतारू रे नाना थारी भुआ बार्इ ओठा पर उतारू नार्इ मेडी में उतारू दार्इ महलों
उतारू रे नाना थारी भुवा बार्इ।
कर्इ जिगारू नार्इ, कर्इ जिलाउ
दार्इ कर्इ जिमाड नार्इ लापसी जीमाउ दार्इ, घेवर जीमाउ रे नाना थारी भुआ बार्इ
कर्इ देगा नार्इ कर्इ देगा
दार्इ कर्इ देगा रे नाना थारी भुआ भार्इ पाग बंधाउ नार्इ, चूंदड ओडाउ हार घडार्इ रे
नाना थारी भुआ बार्इ
कर्इ लायो नार्इ कर्इ लायो
दार्इ कर्इ लायो रे नाना थारी भुआ बार्इ
सेर सूठ सवा अजमो थेर्इ ओ धमाधम
फूटो ओ भंवर सा ये धमको कोर्इ लोग सुनेला लोग सुनेला तो सासुजी आवेला तो लाडु कठासु
लांउ ओ भंवर सा ओ धमको कोर्इ लोक सुनेला चार देउ तो सासुजी ने दाय ना आवे तो कठासूं
लाउं ओ भरसा, ओ धमको लोक सुनेला तो भभीसा आवेला तो लाडू कठासूं लाऊं
ओ भवरसा, ओ धमको...........
दो देउ तो भाभी सा ने दाय ना
आवे तो चार कठासू लाउं
ओ भवरसा ओ धमको...........
लोक सुनेला तो देरानी आवेला,
तो लाडू कठासू लाउं
ओ भवर सा ओ धमको............
लोक सुनेला तो ननद बार्इ आवेला
तो
लाडू कठासू लाउं 2 होय देउ
तो दायन आवे..........
ओ भरसा ओ धमको.......................
थेर्इज दार्इ ने थेर्इज मार्इ
तो थेर्इ धमाधम कुटो
ओ भवसा ओ धमको कोर्इ लोक सुनेला...........
आजमा चाटी ने दुकान पधारया तो मंूछा से अजमो लाग्यो
ओ भवरसां ओ धमको..................
नागपूर शहर सू साला जी पधारया
तो मां कोर्इ कुषद मचार्इ ओ
जेनोर्इसा ओ भवर सा ओ धमको...............
महरी जी गौरी पूतज जिणाजो तो
मेंहदी अजमो बनायी ओ साला सा ओ धमको..............
जरा सामने तो आवो जच्चा छुपने
में क्या राज है
तेरा छुप न सकेगा नंदलाल रे
तेरे आगने में आर्इ बहार है।
सासूजी जो आवे अजमा बनावे
अजमा बनवार्इ नेक मांगे रसीया
इसमें डरने की क्या बात है
उनका बेस भी तैयार है
तेरा छुप न सकेगा नंदलाल रे
तेरे अंगना में छार्इ बहार
है
भाभी सा जो आवे पलंग बिछावे
नेक भी मांगे इसमें डरने की
क्या बात है
उनके लिये रोकडा तैयार है
तेरा छुप न सकेगा नंदलाल रे।
देवरानी जो आवे दिवलो संजोवे
नेज भी मांग, इसमें डरने की
क्या बाते है।
अंगूठी तैयार है
तेरा छुप न सकेगा नंदलाल रे
तेरे आगने में आर्इ बहार है।
ननदल भी आवे- आरती उतारे
नेक भी मांगे, इसमें डरने की
क्या
बात है उनके लिये भी नेकलीस
तैयार है।
तेरा छुप न सकेगा नंद लाल रे
तेरे अंगना में छार्इ बहार
है।
देवर जी जो आवे पल्ला पकडावे
नेक भी मांगे इसमें डरने की
क्या बात
है उनके लिये भी घड़ी तैयार
है।
तेरा छुप न सकेगा नंदलाल रे
तेरे अंगना में आर्इ बहार है।
बालो पांखा बाहर पडीयो माता
बोल सुणावे यू
सोनारी कटारी सूं नालो मोडयो
मोडट
मोडल बोली यू म्हारी कुख सरार्इ
जे
रे बाला मेथने बढिया घूटी दूं।
।।1।।
दादी मेडी चढते थाल बजायो थाल
बजावत बोली यू बेन्यारी दुशमन
फोजा में जाइजे, नोबत डी बजवार्इ
जे
तू ।।ग्हारी।।2।।
गोदी ले बाला ने बैठी दूध चुंगवत
बोली यूं, धोला दूध में कायता
को
कालो दाग मती लग बार्इ जे तू
।।बालो।।3।।
रतन पालणी ये बालो झूले झुला
झुलावत
बोली यं, दिन दुखिया री सेवा
करजे
में थने जीतना झूला हंू।।4।।
पांच बरस को हुयो मुन्ना जी
पाटी पुस्तक हाथ में दिना,
स्कूल भेजत
बोली यू
डाक्टर इनजीनियर बठाजे रे बाला
दुनिया में नाम कमार्इ जे तू
ग्हारी
कुख सरार्इ जे रे बाला में
घने बढिया
घूटी हंू बालो पंखा बाहर र्पडियों
माता शब्द सुणावे चूं।
ननद मांगे कंगना मुन्ने की
बधार्इ
ननद मांगे कंगना ललने की बधार्इ
ये कंगना मेरे सुसरे की कमार्इ
एक रूपये
ले लो ननदी मुन्ने की बधार्इ
नंनद मांगे...............
एक रूपया मेरे जेठ की कमार्इ
अठूनी
ले जो ननदी ललवे की बधार्इ
नानंद मांगे......................
अठन्नी तो मेरे देवर की कमार्इ
चवन्नी
ले लो ननदी
मुन्ने की बधार्इ................
ननंद मांगे....................
चवन्नी तो मेरे सायब की कमार्इ
दुवन्नी
ले लो ननदी मुन्ने की बधार्इ
ननद मांगे.....................
ये दुवन्नी मेरे जेठुते की
कमार्इ.......इकन्नी
ले लो ननदी मुन्ने की बधार्इ
ननद मांगे..................
मुन्ना मेरे राजा मेरे, रोना
नहीं हो रोना नहीं
मैय्या तुझे लोरी सुनाये, मैय्या
तुझे झुला झुलावे
मुन्ना मेरे प्यारे चुपके से
सोना
मीठे-मीठे सपनों के दुनिया
में खोना।।
मैय्या ने मुन्ना तुझको जनम
दिया
जीवन अपना सब कुछ तुझ पर वार
दिया
मैय्या का कर्ज तुम्हे चुकाना
है
जीवन के धागे में खुशियां पिरोना
है,
सदा हंसते रहना, सदा खुश रहना।।1।।
मीठे मीठे...........
जब मुन्ना तु रोयेगा
मां का नाजुक दिल भी रोयेगा,
जब-जब मुन्ना तु खेलेगा
मां का नाजुक दिल भी खेलेगा
मुन्ना मेरे प्यारे मां को
ना सताना ।।2।।
मीठे, मीठे...........
तर्ज (तुम तो ठहरे परदेशी)
प्यारी बिटिया रानी को झुला
हम झुलायेंगे
लोरियां 3 गा गाकर इसको सुलायेंगे।।
गोरा-गोरा रंग इसका, प्यारी
सी सूरत है,
रेशम से बाल इसके, प्यारी सी
सूरत है,
कजरारे 3 नैनों में, काजल सजायेगे
।।1।।
चंदन का पलना है, रेशम की डोरी
है,
मखमल की शैय्या पे, सोर्इ बिटिया
प्यारी है,
सितारों की 3 टोपी तो दादी
सा लाऐंगे ।।2।।
चंदा की गाडी है हिरनों की
सवारी है,
प्यारी बिटिया रानी तो, सबकी
दुलारी है,
मिले-मिले 3 अंबर में इसको
घुमायेंगे ।।3।।
तर्ज (दिल दिवाना)
खुशी का दिन है बड़ा सुहाना
देखो ना
आज गीत है, ललना राजा के गावो
ना
दादा सा आये दादीसा आये और
आयी बड़ी मां
चेन लावे बिंदी लाये और लाये
कन्दोला
दादीसा तो खोले में खोला आना.........
।।1।।
नानोसा आये, नानीसा आये और
आये मामा
घडि़यां लाये, कंगना लाये,
और लाये खिलौना,
पेड़ा, मिठार्इ, और भी सांध
लावेला
आज गीत है ।।2।।
फूफा आये, फुफी आये और मौसा
मौसी
सूट लाये, बूट लाये और लाये
पलना,
बुआ तो झुला में, झुला आना,
आज गीत है।।3।।
तर्ज (आये हो मेरी जिंदगी में)
आये हो मेरी गोद में तुम नंदलाल
बनके
मेरी जिन्दगी में रहना..........
हो 2 आंखो का नूर बनके
मेरे कुल के दिप तुम हो, सपने
हजार मन के
मेरी जिन्दगी में रहना.........
आंखो का तारा बनके।
आंचल था मेरा खाली, सुनी पड़ी
थी झोली
ना हंसना, रोना किसका रहती
थी मैं अकेली
आया है ललना मेरा, सौगात खुशी
की लेके ।।1।।
मेरे आये हो मेरी................
दादा के लाडले हो, दादी के
राजदुलारे
मुस्कुराये मुन्ना, पापाजी
जब पुकारे
छुम छुम के चलना सिखो, माता
का हाथ
पकड़के ।।2।। मेरे आये हो मेरी...................
तर्ज (छोटे-छोटे भार्इयों के).............
देने बधार्इ की आर्इ घडि़या
घर में आया है प्यारा ललना
ढोल बजे-बजे शहनार्इयां घर
में आया है प्यारा ललना।।
लालन की दादी आये, सारा नेग
करायेगी
चरवा चढ़ाये, गीत गवाये, सबको
आज बुलायेगी
खुशियों की आर्इ है, शुभ घडि़यां
घर में आया है प्यारा ललना
।।1।।
जच्चा की जेठानी आयेगी, सारा
नेग करायेगी
लडडू बनाये पलंग बिछाये, गीत
का नेक चुकायेगी
जच्चा की ननदी आयेगी, सारा
नेक, करायेगी
थाल बजाये, आरती उतारे, लालन
को झुलायेगी
देखो कैसे छार्इ है रंग-रंलियां
घर में आया है प्यारा ललना....
तर्ज (कजरा मोहबत वाला).............
लालन है घर में आया, आनंद ही
आनन्द छाया
खुशियों में झूले परिवार पलने
में झूले नंदलाल
दादाजी फूले ना समाए, दादी
जी खुशियां मनाए
लालन को गोदी खिलाए लोरियां
गाके सुलाए
चंदा से बढ़कर प्यारा, सबके
अखियों का तारा
सारे मेहमान बुलाये, लालन के
गीत सुनाए
जच्चा ने किया है कमाल, पलने
में झुले नंदलाल
(सब का नाम लेना)
तर्ज (बहुत प्यार करते है).............
आर्इ शुभ घडि़यां मेरे आंगन
पलने में खेले ललना, होके मगन
।।घृ।।
दादा का प्यारा लालन, अखियों
का तारा
दादी झुलाये, तुझको, गोदी खिलाये
जुग-जुग जीये मेरे प्यारे ललन
।।1।।
(सब का नाम लेना)
तर्ज (डोली चढ़के दुल्हन).............
गाड़ी चढ़के जच्चा अस्पताल
चली, गाड़ी चढ़के
आर्इ घडियां बधार्इ की अंगना
मेरे
सासू रानी ने खुश होके चखे
धरे
गुंज किलकारी की गूंजती ही
रही
वो तो मुखड़ा ललन का निरखती
रही
गाड़ी चढ़के........................
(सब का नाम लेना)
तर्ज (जिया बेकरार है).............
गोरे-गोरे गाल है, घुघर वाले
बाल है
देखो साहूकारों के कैसे नन्दलाल
है
सासू आर्इ हण्डा भरार्इ मांग
रही है नेक
देने को तैयार है खुशिया अपरंपार
है
देखों................................
जिठानी आर्इ बन के गर्इ तार्इ
बांध रही है लडडू
बांटे दोनों हाथ है मांगे उपहार
है।
देखो.........................
ननदल आर्इ, खुशियां छार्इ,
लार्इ झबला टोपी
मांगे नेग हजार है उसका अधिकार
है
देखो........................
सखियां आवे मंगल गावे, देवे
आज बधार्इ
गावे मंगल गान है हरपे परिवार
है
देखो.........................